
क़दम-क़दम बढ़ाये जा
खुशी के गीत गाये जा
यह ज़िन्दगी है कौम की
तू कौम पर लुटाये जा
क़दम-क़दम बढ़ाये जा…
तू शेर-ए-हिंद आगे बढ़
मरने से कभी न डर
उड़ाके दुश्मनों के सर
जोश-ए-वतन बढ़ाये जा
क़दम-क़दम बढ़ाये जा…
हिम्मत तेरी बढ़ी रहे
ख़ुदा तेरी सुनता रहे
जो सामने तेरे अड़े
वो ख़ाक मे मिटाये जा
क़दम-क़दम बढ़ाये जा…
चलो दिल्ली पुकारके
कौमी निशां सम्भाल के
लाल कीले पे गाढ़ के
लहराये जा लहराये जा
क़दम-क़दम बढ़ाये जा…
वंशीधर शुक्ल का यह गीत, सुभाष बाबू को इतना पसंद आया की उन्होंने उसे आजाद हिंद फौज का मार्च गीत के तौर पर स्वीकार किया।
आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्मदिन । उन्हें शतशः प्रणाम कर, उनके लिए अपने मन की बात रखने की कोशिश करता हूं ।
सुभाष बाबू एक ऐसे महामानव हैं जो आज भी युवा वर्ग को प्रेरित करते है एवं बुजुर्गों में सीना तान खडे रहने की हिम्मत भर देते है। एक बहुआयामी व्यक्तित्व जो आई सी एस अफ्सर बना। लेकिन देश के शत्रु के लिए काम करना मंजूर नहीं, यह सोचकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने आप को झोंक दिया। अपना सारा जीवन उसी हेतु समर्पित कर दिया। यहाँ तक की मृत्यु का भी स्वीकार किया।
बचपन में ही, रामकृष्ण परमहंस तथा स्वामी विवेकानन्द के विचारों से प्रभावित हुए। अपनी माताजी के पास से धार्मिक एवं आध्यात्मिक शिक्षण पाया। अपने गुरु चित्तरंजन दासजी से प्रकर्ष राष्ट्रवाद उन्हें विरासत में मिला।
शुरूआती कुछ साल, वह कांग्रेस में रहे। ऐसा कहा जाता है की नेहरू जी के साथ उनकी गहरी दोस्ती थी। 1930 के कांग्रेस अधिवेशन में प्रस्तुत पूर्ण स्वराज्य के दस्तावेज को बनाने में उनका भी योगदान रहा। आगे जाकर वह पार्टी के अध्यक्ष भी बने। गांधीजी समर्थित उम्मीदवार पट्टभी सिद्धरमैय्या को मुंह की खानी पडी। किन्तु पूर्ण स्वराज्य की मांग को लेकर, गांधीजी से मतभेद होने के कारण, उन्होंने कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद और सदस्यता दोनों छोड़ दिए।
थोडे सालों में ही, जापान ने द्वितीय महायुद्ध में पकड़े भारतीय सैनिकों एवं पूर्वी आशिया में रह रहे भारतीयों को साथ लेकर आजाद हिंद फौज का गठन किया। उन सैनिकों को संबोधित करते समय उन्होंने जो अपने संबोधन के अंत में कहा, वह यहाँ उद्धृत करता हूँ ।
“आगे जो काम है उसके लिए अपनी कमर कस लीजिये. मैंने मेन, मनी, मटेरिअल के लिए कहा था। मुझे वो पर्याप्त मात्र में मिल गए हैं. अब मुझे आप चाहियें। मेन, मनी मटेरिअल अपने आप में जीत या स्वतंत्रता नहीं दिला सकते। हमारे अन्दर प्रेरणा की शक्ति होनी चाहिए जो हमें वीरतापूर्ण और साहसिक कार्य करने के लिए प्रेरित करे।
सिर्फ ऐसी इच्छा रखना की अब भारत स्वतंत्र हो जायेगा क्योंकि विजय अब हमारी पहुंच में है एक घातक गलती होगी। किसी के अन्दर स्वतंत्रता का आनंद लेने के लिए जीने की इच्छा नहीं होनी चाहिए। हमारे सामने अभी भी एक लम्बी लड़ाई है।
आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए- मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके- एक शहीद की मृत्यु की इच्छा, ताकि स्वतंत्रता का पथ शहीदों के रक्त से प्रशस्त हो सके। मित्रों! स्वतंत्रता संग्राम में भाग ले रहे मेरे साथियों ! आज मैं किसी भी चीज से ज्यादा आपसे एक चीज की मांग करता हूँ। मैं आपसे आपके खून की मांग करता हूँ। केवल खून ही दुश्मन द्वारा बहाए गए खून का बदला ले सकता है। सिर्फ ओर सिर्फ खून ही ही आज़ादी की कीमत चुका सकता है।
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।”
(स्त्रोत – AcchhiKhabar.com)
बस फिर क्या ! ‘चलो दिल्ली’ के नारे के साथ फौज चल पडी और देखते ही देखते मणिपुर को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त करवाया। उसी समय जापानी फौजों ने अंदमान तथा निकोबार द्वीप समूह को जीता। नेताजी को सार्वभौम भारत देश की सरकार गठित करने का मौका मिला। वह स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उन द्वीप समूह में से दो द्वीप का नाम शहीद और स्वराज रखा गया। यह युद्ध छेड़ने से पहले नेताजी ने बर्मा से भारतवासीयों को संबोधित किया था। इसी संबोधन में उन्होंने गांधीजी से होनेवाले युद्ध के लिए आशीर्वाद मांगते हुए उन्हें “राष्ट्रपिता” कह संबोधित किया था।
पर भारत की नियति में कुछ और ही लिखा था। एक काले दिन, जब नेताजी हवाई जहाज से जा रहे थे, तब अचानक उनका जहाज क्षतिग्रस्त हुआ और गिर गया। नियति के क्रुर पंजों ने भारत से उसके लाड़ले पुत्र को छीन लिया। आज भी उस हादसे के बाद क्या हुआ, इस बात को लेकर विवाद बना हुआ है।
पर भारत ने एक दृष्टा खो दिया।
एक क्रांतिकारी खो दिया।ऐसे नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिन हम उन्हें नमन करते हैं और उनके बताए रास्ते पर चलने का निश्चय करते हैं ।
🙏,
This details r new
We r proud of our Netaji
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🙏🙏🙏
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Subash Chander Boss. Who could forget him?
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Sorry Chandra Bose. I don’t know about rest of India but the people from Punjab already tweeted about him.
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Well written. The blogger should write about the freedom fighters so we could pass their scarify to future generation. Azadi is not easy . It ask blood and scarify.
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🙏🙏🙏
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Hi I nominate you for Bee Love Award https://saraaltafkhan.com/2020/01/28/bee-love-award/
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Tysm Sara…
But I dont accept awards as I feel that am not making any efforts to write the blogs. The day I would I would surely accept awards…
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I think that you are making lot of efforts. Everyone has a different topic to write. It is not the matter of quantity. It depends on the quality of your post. Award is given to support another bloggers to show the appreciation. I respect your decision.
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🙏🙏🙏
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Sacrifice ……………
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Amazing post about a person who I admire a lot.
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🙏🙏🙏
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Tribute to the greatest of the freedom fighter. Good to read you Ameet ji, after long gap.
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Tysm Abhay
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Desh ke liye jiye बोस बाबू desh ke liye मरे
Jisne khele khel गद्दी बस पाने के लिए वो भाई STD से मरे
कबीरा sararara 🙏
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🙏🙏🙏
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Dhadakan tej ho jati hai……unko yaad karke……Naman.🙏🙏
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🙏🙏🙏
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